Skip to main content

1,250 मंदिरों का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड को 300 करोड़ का नुकसान, अब बोर्ड अपने सोने को नकद में बदलेगा

(केपी सेतुनाथ). केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर का संचालन करने वाला त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड तंगहाली दूर करने के लिए अपने सोने को नगदी में बदलने जा रहा है। वहीं, तिरुमाला देवस्थानम बोर्ड जम्मू में भव्य वेंकटेश्वर मंदिर बनाने जा रहा है।

त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड भारतीय रिजर्व बैंक की स्वर्ण बांड योजना में शामिल होगा ताकि बोर्ड के देशभर मेें 1,250 मंदिरों का रख-रखाव और उसका संचालन सही तरीके से हो सके। योजना के तहत बोर्ड को जमा किए गए सोने के एवज में 2.5% वार्षिक ब्याज मिलेगा।

फिलहाल बोर्ड सोने की मात्रा का आकलन कर रहा है

त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु ने बताया कि इसके लिए केरल हाईकोर्ट से मंजूरी मांगी गई है। फिलहाल बोर्ड सोने की मात्रा का आकलन कर रहा है। हमें उम्मीद है कि एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और योजना को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते मंदिर बंद होने के कारण बोर्ड को करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

अब यहां श्रद्धालुओं का सीमित संख्या में जुटना शुरू हो गया है

मंदिरों के पास पूजा और अनुष्ठानों के लिए प्राचीन और विरासती जेवर हैं, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, बोर्ड के सभी मंदिरों को पांच माह बाद श्रद्धालुओं के लिए 17 अगस्त को खोल दिया गया है। अब यहां श्रद्धालुओं का सीमित संख्या में जुटना शुरू हो गया है।

फिलहाल 3,500 कर्मचारियों को वेतन देने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है

वासु ने कहा कि बोर्ड के पास मौजूद कुल सोने की मात्रा बता पाना अभी संभव नहीं है, क्योंकि आकलन प्रक्रिया जारी है। संभावना है कि कम से कम 1,000 किग्रा सोना तो होगा ही। बोर्ड 1,250 मंदिरों का संचालन करता है और फिलहाल 3,500 कर्मचारियों को वेतन देने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

सिर्फ 100 मंदिर ही ऐसे हैं, जिनसे अच्छी आवक होती है जबकि शेष मंदिरों का संचालन इन्हीं 100 मंदिरों को मिले दान पर निर्भर होता है। बोर्ड को सबरीमाला मंदिर से ही सबसे ज्यादा चढ़ावा मिलता है। साल 2019-20 में मंदिर ने तीर्थयात्रा सीजन में 263.57 करोड़ रुपए कमाए थे, जबकि 2018-19 में 179.23 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी।

100 एकड़ में बनेगा तिरुपति बालाजी मंदिर, अस्पताल और वैदिक स्कूल भी
इधर, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड जम्मू-कटरा हाईवे पर भव्य वेंकटेश्वर मंदिर बनाने जा रहा है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाईवे पर करीब 100 एकड़ जमीन देने पर सहमति जता दी है। बोर्ड के चेयरमैन वायवी सुब्बा रेड्‌डी ने बताया कि इस मंदिर के बनने से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हर वर्ष आने वाले लाखों श्रद्धालु वेंकटेश्वर भगवान के भी दर्शन कर सकेंगे। बोर्ड जम्मू में मंदिर के अलावा अस्पताल, वैदिक पाठशाला और शादी गृह का भी निर्माण करेगा।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड जम्मू-कटरा हाईवे पर भव्य वेंकटेश्वर मंदिर बनाने जा रहा है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाईवे पर करीब 100 एकड़ जमीन देने पर सहमति जता दी है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2YMfj4y

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...