Skip to main content

ट्रम्प बोले- बाइडेन का एजेंडा मेड इन चाइना, मेरा मेड इन अमेरिका; उन्हें चुना तो अमेरिकन ड्रीम टूट जाएगा https://ift.tt/3b6yMlk

अमेरिका के व्हाइट हाउस से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संदेश दिया कि वो अकेले समाजवाद,अराजकता और अतिवाद जैसी ताकतों के खिलाफ दीवार बनकर खड़े हैं। ट्रम्प ने कहा कि अगर जो बाइडेन राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो अमेरिकन ड्रीम तबाह हो जाएगा। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरी बार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी स्वीकार करने के बाद ट्रम्प ने कहा- बाइडेन का एजेंडा ‘मेड इन चाइना’ और मेरा ‘मेड इन अमेरिका’ है।

इस चुनाव से तय होगा कि हम अमेरिकन ड्रीम को बचाते हैं या एक समाजवादी एजेंडे को मेहनत से बनाई तकदीर तबाह करने की अनुमति देते हैं। संबोधन में ट्रम्प ने कहा कि हमें तय करना होगा कि कानून का पालन करने वाले अमेरिकियों की रक्षा करेंगे, या उन्हें धमकाने वाले हिंसक, अराजक आंदोलनकारियों को खुली छूट देंगे।

ट्रम्प बोले-

  • इसी साल सुरक्षित, प्रभावी वैक्सीन लाएंगे। 3 वैक्सीन फाइनल ट्रायल पर हैं। एडवांस में उनका उत्पादन कर रहे हैं।
  • हम अमेरिकी महत्वाकांक्षा के नए युग का आगाज करेंगे। अमेरिका चांद पर पहली महिला को उतारेगा।

कोरोना, नस्लवाद जैसे मुद्दों के बजाय बाइडेन पर हमले और अपनी उपलब्धियां बताते रहे ट्रम्प

झूठ हावी: 25 मुद्दों पर बोले; 5 ही सच्चे , 4 झूठे, 9 पर गुमराह किया, 7 बढ़ाकर बताए

70 मिनट के संबोधन में ट्रम्प ने 25 मुद्दों पर अपनी बात रखी। न्यूयॉर्क टाइम्स के विश्लेषण के मुताबिक इनमें 5 ही सच थे। 4 पूरी तरह झूठे निकले, 7 को उन्होंने बढ़ा-चढ़ाकर बताया, वहीं 9 मुद्दों पर लोगों को गुमराह किया। ट्रम्प यह बताने की कोशिश करते रहे कि कोराना पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन हकीकत इससे उलट है। ट्रम्प का संबोधन कोरोना के बजाय बाइडेन और खुद की उपलब्धियों के बखान पर केंद्रित रहा।

अतीत भूले: 36 साल पार्टी का झंडा बुलंद करने वाले नहीं दिखे, ऐसा पहली बार हुआ

1980 से 2016 तक रिपब्लिकन पार्टी का नेतृत्व करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उप राष्ट्रपति सम्मेलन से गायब रहे। यानी बुश, चेनी और बेकर्स मेें से कोई नहीं दिखा। कोडोंलिजा राइस भी नहीं थीं। विश्लेषकों का मानना है कि ट्रम्प ने उनसे पूरी तरह किनारा कर लिया। सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैक्कॉनेल, अल्पसंख्यक नेता कैविन मैक्केर्थी को भी मंच पर जगह नहीं दी गई। कन्वेंशन के दौरान 10 घंटे के अलग-अलग भाषण में ट्रम्प ने सिर्फ बुश और रीगन का नाम लिया।

डेमोक्रेट कन्वेंशन को ज्यादा लोगों ने देखा: सर्वे

रिपब्लिकन कन्वेंशन को पहले दिन 1.7 करोड़ और दूसरे दिन 1.8 करोड़ लोगों ने टीवी पर देखा। जबकि 2016 के चुनाव में शुरुआती दो दिनों में दर्शक 1.9 करोड़ से ज्यादा थे।वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की कन्वेंशन को चारों दिन अमेरिका में औसत 22 करोड़ लोगों ने रोज देखा। नीलसन ने यह सर्वे किया है।

टूटी परंपरा: राजनीतिक फायदे के लिए ट्रम्प ने व्हाइट हाउस का इस्तेमाल किया

ट्रम्प का भाषण व्हाइट हाउस का लॉन में हुआ। विशुद्ध रूप से राजनीतिक घटनाओं के लिए व्हाइट हाउस का इस्तेमाल नहीं होने की परंपरा और नियमों को ताक पर रख दिया गया। मेहमानों में डिस्टेंसिंग नहीं दिखी और ना ही मास्क लगाना जरूरी समझा गया। अमेरिका में नस्लीय हिंसा चरम पर है और चुनाव में बड़ा मुद्दा भी। पर ट्रम्प ने इस मामले में अफ्रीकन-अमेरिकन समुदाय से वादा किया कि सर्वश्रेष्ठ स्थिति का आना अभी बाकी है।

विपक्ष का हमला: बाइडेन का ट्वीट: खुद से पूछिए- ट्रम्प के अमेरिका में कितने सुरक्षित

ट्रम्प ने भाषण में कहा कि बाइडेन के अमेरिका में कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इस पर बाइडेन ने ट्वीट किया- जब ट्रम्प ने कहा कि आप बाइडेन के अमेरिका में सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो आसपास देखिए और खुद से पूछिए- ट्रम्प के अमेरिका में कितना सुरक्षित महसूस करते हैं? वहीं उप राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी कमला हैरिस ने भी ट्रम्प पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिकियों को कोरोना से बचा नहीं पाए। चीनी सरकार पर जब अमेरिका को सख्त होने की जरूरत थी तो तब उस समय वह छुपकर बैठ गए थे।

अमेरिका के अहम मुद्दे: ट्रम्प VS बाइडेन

डोनाल्ड ट्रम्प

  • दावा करते हैं कि कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में, कई देशों से अच्छी स्थिति। जबकि 60 लाख मरीज हैं। 1.84 लाख मौतें हो चुकी हैं।
  • ओबामाकेयर के सख्त विरोधी, इसे कमजोर बनाने में जुटे हैं। पर अब तक इसका कोई किफायती विकल्प नहीं दे सके।
  • व्हाइट हाउस में बहुत कम अश्वेत सलाहकार। अश्वेतों की बढ़ती बेरोजगारी पर बात नहीं करते। सजा घटाने के पक्ष में।
  • पेरोल पर टैक्स कट का वादा, महामारी के दौर से पहले की अर्थव्यवस्था बनाएंगे। नौकरियां, निर्माण देश में वापस लाएंगे।
  • इमिग्रेशन कम करेंगे। मैक्सिको सीमा पर दीवार बनवा रहे। वीसा लॉटरी, चेन माइग्रेशन खत्म कर मेरिट आधारित एंट्री कर देंगे।

बाइडेन

  • नेशनल ट्रेसिंग प्रोग्राम का प्रस्ताव, मुफ्त टेस्टिंग हो, 1 लाख लोगों को काम में लगाएं। हर राज्य में 10 सेंटर रखने के पक्ष में।
  • ओबामाकेयर को आगे बढ़ाएंगे, 10 साल में 5.5 लाख करोड़ रु. खर्च का प्रस्ताव। 97% अमेरिकियों को दायरे में लाएंगे।
  • कैबिनेट में देश की विविधता दिखाने का वादा। अल्पसंख्यकों के लिए 1500 करोड़ रुपए का अनुदान फंड बनाएंगे।
  • कॉर्पोरेट्स को ज्यादा छूट देने के खिलाफ। न्यूतनत आय बढ़ाने की वकालत। टैक्स कट के खिलाफ, कर्ज माफी रोक देंगे।
  • इमिग्रेशन बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि इनसे रोजगार पैदा होते हैं। राष्ट्रपति बने तो पहले 100 दिन में ट्रम्प की नीतियां पलट देंगे।

मां-बेटी की मुलाकात चर्चा में

डोनाल्ड ट्रम्प की पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका की मुलाकात चर्चा में रही। मेलानिया सौतेली बेटी से मिलते ही पहले मुस्कुराईं। फिर आंखें टेढ़ी कर खड़ी हो गईं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन के आखिरी दिन राष्ट्रपति ट्रम्प पत्नी मेलानिया और परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे तो आतिशबाजी हुई।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/32DMiJB

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...