Skip to main content

ठंड में ट्रिप का है प्लान तो बेहतर तैयारी जरूरी, जानें 5 बेस्ट डेस्टिनेशन कौन-सी और कैसी हो तैयारी?

सर्दियों का मौसम आ चुका है। इस मौसम में लोग घूमना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना भी है। इसलिए इस दौरान ट्रैवल कर रहे हैं तो आपकी तैयारियां और भी अच्छी होनी चाहिए। जैसे- वेदर कंडीशन और कोविड स्टेटस। ऐसी जगहों पर जानें से बचें, जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है। वेदर स्टेटस आपकी तैयारियों के लिए जरूरी है। बेहतर प्लानिंग के बाद ही आप विंटर ट्रिप के लिए निकलें।

लेकिन सवाल यह कि कोरोना के दौर में देश में किन जगहों पर ट्रिप के लिए जाया जा सकता है। तो उसके लिए हमने 5 जगहों की तलाश की है। इन जगहों पर कोरोना का असर कम है। साथ ही सर्दियों में घूमने के लिहाज से यहां की रेटिंग 5 में से 4 है। इन जगहों में औली उत्तराखंड, गुलमर्ग जम्मू कश्मीर, शिलॉन्ग मेघालय, दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल और तवांग अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।

बेहतर प्लानिंग जरूरी

ट्रैवल से पहले एक ठोस प्लान जरूरी है। यह आपको ट्रैवल के दौरान डाइवर्ट नहीं होने देता। आपको यह नहीं सोचना पड़ता है कि कहां जाना है और कहां नहीं? बेहतर प्लानिंग से न केवल आपका समय सही ढंग से यूटिलाइज होगा बल्कि पैसे भी कम खर्च होंगे। जबकि बगैर प्लानिंग के ट्रैवल पर निकलने से हम ज्यादा समय खर्च करके भी जगहों को सही ढंग से एक्सप्लोर नहीं कर पाते और कई बार आउट ऑफ बजट भी हो जाते हैं।

ठंड में टूर और ट्रैवल के लिए टॉप 5 डेस्टिनेशन

1- औली, उत्तराखंड

उत्तराखंड के चमोली में हिमालय की पहाड़ियों पर स्थित औली स्की के लिए एक बेहतर डेस्टिनेशन है। यह समुद्र तल से 2500 मी० (8200 फीट) से 3050 मी० (10,010 फीट) तक की ऊंचाई पर स्थित है। औली जोशीमठ से सड़क या रोप-वे के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। यहां से नंदादेवी, कमेट और दूनागिरी जैसे पहाड़ों की चोटियों का शानदार व्यू मिलता है। आमतौर पर जनवरी से मार्च तक औली की ढलानों पर लगभग 3 मी. गहरी बर्फ की चादर बिछी होती है।

2- गुलमर्ग, जम्मू कश्मीर

गुलमर्ग जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह फूलों के प्रदेश के नाम से भी फेमस है। लगभग 2,730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग, की खोज 1927 में अंग्रेजों ने की थी। यह स्कीइंग का हब माना जाता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्कीइंग भी यहीं स्थित है। आप श्रीनगर तक फ्लाइट और उसके बाद बस या कैब से 13 किलोमीटर का सफर करके यहां पहुंच सकते हैं।

3- शिलॉन्ग, मेघालय

शिलॉन्ग मेघालय की राजधानी हैं। यह देश का पहला ऐसा हिल स्टेशन है, जहां चारों तरफ से जा सकते हैं। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1 हजार 491 मीटर और गुवाहाटी से शिलांग की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। शिलॉन्ग हिल स्टेशन को होम ऑफ क्लाउड भी कहा जाता है।

शानदार पहाड़ियों के कारण इसे “स्कॉटलैंड ऑफ ईस्ट” भी कहा जाता है। यहां जाने के लिए सबसे पहले आपको फ्लाइट या ट्रेन से गुवाहाटी पहुंचना होगा। उसके बाद बस या कैब से 100 किलोमीटर सफर करके आप शिलॉन्ग पहुंच सकेंगे।

4- दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग का विलक्षण पर्वतीय स्थल, पन्ना ग्रीन टी प्लांटेशन के खंडों के साथ ढलुआ पहाड़ी रिज पर फैला हुआ फेमस टूरिस्ट साइट है। यहां सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी राजसी कंचनजंगा है। कंचनजंगा पर शानदार धूप और सूर्यास्त देखने के लिए टूरिस्ट पास की चोटियों पर जाते हैं। आप यहां पहुंचने के लिए न्यू जलपाईगुड़ी तक ट्रेन और बागडोगरा तक प्लेन का सहारा ले सकते हैं। न्यू जलपाईगुड़ी से 70 और बागडोगरा से 58 किलोमीटर बस या कैब का सफर कर दार्जलिंग पहुंच सकते हैं।

5- तवांग, अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश का विचित्र शहर तवांग, एक प्राचीन और अछूता टूरिस्ट प्लेस है, जहां प्रकृति के कई रंग देखने को मिलते हैं। यहां हरियाली वाले घने जंगल से उभरती बर्फीली चोटियां और उनके बीच से गुजरती बर्फीली दर्राएं हैं। बर्फ की चादर ओढ़े पर्वत श्रृंखलाओं के बीच सुरम्य बौद्ध मठों का शहर तवांग, आपको एक साहसी पर रोमांचकारी यात्रा का अनुभव कराता है। यहां पर पहुंचने के लिये आपको पर्वतों को लांघते हुए कई टेढ़े मेढ़े पहाड़ी रास्तों और घुमावदार दर्राओं से गुजरना पड़ता है। जिसमें एक सेला पास भी है, जो दुनिया के सबसे ऊंचा मोटरेबल रोड है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Plan for a trip in the cold, so better preparation is necessary, know which is the best destination and how should be the preparation?


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3fCpOyy

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...