Skip to main content

टीवी पर फिर नजर आएंगे सुशांत सिंह राजपूत, दिवंगत एक्टर की याद में दोबारा शुरू होगा उनका पॉपुलर शो ‘पवित्र रिश्ता'

सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद ज़ी अनमोल चैनल एक बार फिर उनके सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले टीवी शो को दर्शकों के सामने ला रहा है। चैनल उन्हें श्रद्धांजलिदेते हुए उनके सबसे पॉपुलर शोज में से एक ‘पवित्र रिश्ता‘ का पुनः प्रसारण करने जा रहा है। ये वही शो है, जिसने उन्हें घर-घर में जाना पहचाना नाम बना दिया था।

सुशांत ने इस शो में मानव देशमुख का रोल निभाया था, जिसके लिए इस एक्टर को खास तौर पर याद किया जाता है। ऐसे समय पर जब सारा देश उन्हें याद कर रहा है और लोग इस बेहतरीन कलाकार की सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस देखना चाहते हैं, तब चैनल ने दर्शकों को इस शो से दोबारा जोड़ने का प्रयास किया है।

पवित्र रिश्ता' में दो लोगों की एक खूबसूरत प्रेम कहानी बताई गई थी

'पवित्र रिश्ता' का पुनः प्रसारण इस एक्टर को एक भावभीनी श्रद्धांजलि होगी, जिसमें उनका टैलेंट देखकर सभी की पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी। 'पवित्र रिश्ता' में मध्यमवर्गीय परिवारों के दो लोगों की एक खूबसूरत प्रेम कहानी बताई गई थी। जहां मानव देशमुख एक आम गैराज मैकेनिक और अपने परिवार का अकेला कमाने वाले व्यक्ति है, वहीं अर्चना करंजकर (अंकिता लोखंडे) एक सीधी-सादी मिडिल क्लास लड़की है, जो अपने परिवार को सबसे ऊपर रखती है।

मुश्किलों के बीच मानव और अर्चना की शादी हो जाती है

तमाम मुश्किलों के बीच मानव और अर्चना की शादी हो जाती है, लेकिन शादी के बाद उन्हें नए संघर्षों का सामना करना पड़ता है। जिंदगी से उनका प्रेरणादायी संघर्ष और एक-दूसरे के प्रति उनका अटूट प्यार दर्शाता यह शो असल में इन दोनों के बीच रिश्ते की पवित्रता दिखाता है। सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे ने इस शो में मानव और अर्चना का रोल निभाया था और उनके साथ सविता प्रभुने, पराग त्यागी और उषा नाडकर्णी जैसे कलाकार भी सपोर्टिंग रोल्स में थे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
शो 'पवित्र रिश्ता' में सुशांत सिंह राजपूत के साथ अंकिता लोखंडे।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2BfrRJo

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...