Skip to main content

ट्रम्प ने गिन्सबर्ग की जगह एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का जज चुना; विपक्ष का विरोध दरकिनार https://ift.tt/34fP9cD

डोनाल्ड ट्रम्प ने एमी कोने बैरेट को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने का फैसला कर लिया। इसकी औपचारिक घोषणा आज की जाएगी। एमी दिवंगत जज जस्टिस रूथ बादेर गिन्सबर्ग का स्थान लेंगी। एमी को जज बनाने के लिए ट्रम्प को अब सीनेट की मंजूरी देनी होगी। तकनीकि रूप से यह मुश्किल नहीं होगा क्योंकि वहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है।
विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी और उसके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव में कुछ ही हफ्ते बाकी हैं। ऐसे में नए जज की नियुक्ति नई सरकार को ही करनी चाहिए।

आज हो सकता है ऐलान
एमी के नाम का आज औपचारिक तौर पर ऐलान किया जा सकता है। सूत्रों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि एमी का नाम छह लोगों ने मिलकर फाइनल किया है। एमी शुक्रवार रात अपने घर के बाहर नजर आईं। उन्होंने फोटोग्राफर्स को कुछ पोज भी दिए। अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि एमी के अलावा क्या किसी और कैंडिडेट का इंटरव्यू हुआ था या नहीं। कहा जाता है कि ट्रम्प के कुछ सीनियर अफसर लगातार दो दिन से एमी के संपर्क में थे और इसी दौरान उनके नाम पर मुहर लगाई गई।

ट्रम्प ने खुलासा नहीं किया
शुक्रवार को जब मीडिया ने ट्रम्प से एमी के बारे में सवाल किया तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। कहा- मैं साफ तौर पर ये नहीं कह सकता कि हम उनको ही जज बनाने जा रहे हैं। लेकिन, इसमें कोई दो राय नहीं कि एमी बेहतरीन काम करती हैं। एक्सपर्ट्स और पॉलिटिकल एनालिस्ट्स मानते हैं कि कुछ महीनों से चुनावी दौड़ में पिछड़ रहे ट्रम्प को एमी के नाम से फायदा मिल सकता है।

अमेरिका के इतिहास में यह पहली घटना
अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब चुनाव के महज 39 दिन पहले सरकार ने किसी नए जज का नाम फाइनल किया हो। आमतौर पर चुनावी साल में जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की नियुक्ति नहीं की जाती। लेकिन, ट्रम्प ने तो इस परंपरा को ही खत्म कर दिया है। अब सीनेट में इस पर विचार किया जाएगा। चार साल पहले जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे तब उन्होंने एक जज की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, तब रिपब्लिकन्स ने इसको संविधान के खिलाफ बताया था। अब वे यही कर रहे हैं।

गिन्सबर्ग का जगह भरना मुश्किल
एमी की नियुक्त गर्भपात संबंधी कानून में बदलाव की मांग वाले आंदोलन को प्रभावित कर सकती है। लेकिन, महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं दिवंगत जस्टिस गिन्सबर्ग की जगह भरना उनके लिए आसान नहीं होने वाला। एमी को अच्छा लेखक भी माना जाता है। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने दलीलें दी हैं। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी का करीबी होना उनके लिए क्या लेकर आएगा, ये कहना फिलहाल मुश्किल है।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है। और चूंकि जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। लोग इसीलिए ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
डोनाल्ड ट्रम्प आज जस्टिस एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का नया जज बनाने का ऐलान कर सकते हैं। वे जस्टिस गिन्सबर्ग का स्थान लेंगी। गिन्सबर्ग का पिछले हफ्ते निधन हो गया था।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/309i40m

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी