Skip to main content

पिछली बार ट्रम्प की जीत का फैक्टर बने थे, अब बाेले-मेरे कारण ट्रम्प जीते तो दुख होगा https://ift.tt/3e6YyYv

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में होवी हॉकिंस ग्रीन पार्टी के उम्मीदवार हैं। िपछले चुनाव में वे ट्रम्प की जीत का फैक्टर बने थे। उनकी पार्टी को 50 में से 46 राज्यों के मतपत्रों में प्रतिनिधित्व प्राप्त है। हालांकि इस बार वे ट्रम्प और बाइडेन दोनाें के विरोध में हैं। वे मानते हैं कि दोनों उम्मीदवारों की पार्टियां जनहित में काम में सक्षम नहीं हैं। पढ़िए रितेश शुक्ल से उनकी चर्चा के संपादित अंश :

  • पूरा चुनाव ट्रम्प-बाइडेन पर केंद्रित है, फिर आपकी पार्टी कहां खड़ी है?

रिपब्लिकन हो या डेमोक्रेट, दोनों पार्टियां कॉर्पोरेट अमेरिका और युद्ध उद्योग की हिमायती हैं। मीडिया भी इनका माउथपीस बनकर रह गया है। आज चर्चा का बड़ा मुद्दा यह है कि बाइडेन और ट्रम्प में से कौन अमेरिका के लिए बेहतर है। मैं कहता हूं कि पहले यह तो तय हो कि अमेरिका कौन है। कॉर्पोरेट और वॉर मशीनरी से जुड़े व्यापारी अमेरिका हैं तो बाइडेन बेहतर हैं क्योंकि उनका व्यवहार सभ्य है। पर पॉलिसी के स्तर पर तो ट्रम्प-बाइडेन में अंतर है ही नहीं।

  • आपकी नजर में अमेरिका कौन है?

हम किराए के मकान में रहने वाले लोगों, मध्यवर्गीय परिवारों, आम सैनिकों, बच्चों, महिलाओं व गरीब बीमार बुजुर्गों को अमेरिका मानते हैं और तो दोनों ही बेहतर नहीं हैं। ट्रम्प या बाइडेन में से कोई भी राष्ट्रपति बने, जनता की समस्याएं हल नहीं होंगी।

  • लोग कहते हैं कि आप डेमाेक्रेटिक पार्टी के वोट काटकर ट्रम्प की मदद करेंगे?

ट्रम्प 40 साल से कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत अपराध में सने हुए हैं। ट्रम्प जैसा श्वेत व्यक्ति ही अपराधों के बावजूद खुले में घूम सकता है। हमारी पार्टी नस्लवादी तानाशाह प्रवृत्ति के ट्रम्प और कॉर्पोरेट अधीन डेमोक्रेट का विरोध करती है। इसलिए हम अलग चुनाव लड़ रहे हैं। हमारे पक्ष में पड़ने वाले वोट के कारण ट्रम्प जीतते हैं तो हमें दुख होगा।

हाॅकिंस इसलिए वाेट काटेंगे

हॉकिंस की मौजूदगी 73% वोटरों में है। 538 में से 380 इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य चाहें तो हॉकिंस को वोट कर सकते हैं। ऐसे वोटर जो बाइडेन-ट्रम्प दोनाें को पसंद नहीं करते, वे भी उन्हें वोट कर सकते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Been a factor of Trump's victory the last time, now I will be sad if Trump wins.


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3myc7mB

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी