Skip to main content

गांधीजी 21 साल बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, आते ही आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए

आज से ठीक 105 साल पहले की बात है। देश की राजधानी दिल्ली से करीब 1500 किलोमीटर दूर बंबई (अब मुंबई) शहर के अपोलो बंदरगाह पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। इन्हें किसी का इंतजार था और जिनका इंतजार था, वो थे मोहनदास करमचंद गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी। 1915 की उस 9 जनवरी की सुबह जैसे ही गांधीजी अपोलो बंदरगाह पर उतरे, इन कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

गांधी 1893 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। उस समय वो 24 साल के थे, लेकिन जब भारत लौटे तो 45 साल के अनुभवी वकील बन चुके थे। कहते हैं कि वो गांधी बनकर गए थे और महात्मा बनकर लौटे। मोहनदास करमचंद गांधी पर उस दिन देश के 25 करोड़ लोगों की निगाहें थीं और वो इसलिए, क्योंकि अफ्रीका में रहते हुए उन्होंने जो लड़ाई लड़ी, उसी ने भारतीयों को भी उम्मीद दी कि यही नेता हमें आजादी दिला सकता है।

गांधी ऐसे वक्त में लौटे थे, जब भारत बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा था। 1905 में बंगाल के दो टुकड़े कर दिए गए। 1911 में ही हिंदुस्तान की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली कर दी गई। कांग्रेस पार्टी भी 30 बरस की हो चुकी थी, लेकिन उसने भी अब तक आजादी के आंदोलन में कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाई थी। आजादी किस तरह हासिल की जाए, इसको लेकर भी अलग-अलग राय थी। कुछ नेता अंग्रेजों को उन्हीं की जुबान में जवाब देने की बात करते थे, तो कुछ अहिंसा से आजादी की लड़ाई लड़ने की बात कह रहे थे।

गांधीजी ने भारत लौटने के दो साल बाद बिहार के चम्पारण से आजादी के लड़ाई के लिए सत्याग्रह शुरू किया। इसे चम्पारण सत्याग्रह भी कहा जाता है। उन्होंने आजादी की लड़ाई का जिम्मा उठाया और एक के बाद एक आंदोलन कर अंग्रेज सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। गांधीजी के भारत लौटने पर ही हर साल 9 जनवरी को प्रवासी दिवस मनाया जाता है।

पहली बार भारतीय दल अंटार्कटिक पहुंचा
बर्फीले अंटार्कटिक महाद्वीप पर पहला भारतीय अभियान दल आज ही के दिन 1982 में पहुंचा था। इस अभियान की शुरुआत 1981 में हुई थी और इस टीम में कुल 21 सदस्य थे, जिसका नेतृत्व डॉक्टर सैयद जहूर कासिम ने किया था। कासिम तब पर्यावरण विभाग के सचिव थे और राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान निदेशक का पद संभाल चुके थे। इस मिशन का लक्ष्य यहां वैज्ञानिक अनुसंधान करना था। इस दल ने अपनी यात्रा की शुरुआत गोवा से 6 दिसंबर, 1981 को की और अंटार्कटिक से 21 फरवरी, 1982 को वापस गोवा पहुंच गए।

भारत और दुनिया में 9 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :

  • 2012: लियोनल मेसी ने लगातार दूसरे वर्ष फीफा का बैलोन डी’ओर (सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर) पुरस्कार जीता।
  • 2002: माइकल जैक्सन को अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड में आर्टिस्ट ऑफ द सेंचुरी का अवॉर्ड दिया गया।
  • 1970: सिंगापुर में संविधान को अपनाया गया।
  • 1941: यूरोपीय देश रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में छह हजार यहूदियों की हत्या।
  • 1934: अपनी आवाज के जादू से लाखों दिलों की धड़कन पर राज करने वाले गायक महेंद्र कपूर का जन्म हुआ। जिन्होंने नीले गगन के तले, चलो एक बार फिर से, मेरे देश की धरती, है प्रीत जहां की रीत सदा, अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे जैसे गीतों को आवाज दी।
  • 1873: यूरोपीय शासक नेपोलियन बोनापार्ट तृतीय की मृत्यु।
  • 1811: विश्व में पहली बार महिलाओं का पहला गोल्फ टूर्नामेंट आयोजित किया गया।
  • 1793: दुनिया के पहले गर्म हवा के गुब्बारे ने अमेरिका के फिलाडेल्फिया में उड़ान भरी थी।
  • 1768: फिलिप एस्टले ने पहले ‘मॉडर्न सर्कस’ का प्रदर्शन किया।
  • 1718: फ्रांस ने स्पेन के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Today History: Aaj Ka Itihas India World 9 January Update | Mahatma Gandhi Return To India From South Africa, Pravasi Bharatiya Divas Interesting Facts


from Dainik Bhaskar /national/news/aaj-ka-itihas-today-history-india-world-9-january-mahatma-gandhi-return-to-india-from-south-africa-pravasi-divas-interesting-facts-128104516.html

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...