Skip to main content

कोरोना से 50 गुना ज्यादा खतरनाक है बर्ड फ्लू, हर 10 संक्रमित में से 5 की जान जाती है; जानिए क्या हैं बचाव और लक्षण

देश से अभी कोरोना गया भी नहीं है कि बर्ड फ्लू नाम की एक और बड़ी बीमारी आ गई है। बर्ड फ्लू वायरस कोरोना से 50 गुना ज्यादा खतरनाक है। देशभर में पांच लाख से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और केरल सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसे में लोग परेशान हैं कि वे कोरोना के साथ बर्ड फ्लू से कैसे बचें? आखिर बर्ड फ्लू है क्या? इसके लक्षण और इलाज क्या हैं? इस तरह के तमाम सवाल लोगों के जेहन में आ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक बर्ड फ्लू खतरनाक बीमारी है, यह इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस की वजह से फैलती है। इसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है। बर्ड फ्लू पक्षियों से इंसानों या दूसरे जानवरों में भी फैल सकता है। सबसे ज्यादा पोल्ट्री फार्म में पलने वाली मुर्गियों से फैलता है। कोरोना की तरह इसके भी कई अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं। हालांकि, इंसान से इंसान में इस वायरस के ट्रांसमिशन का जोखिम बेहद कम है।

H5N1 से संक्रमित पक्षी करीब 10 दिनों तक मल या लार के जरिए वायरस रिलीज करता है। H5N1 बर्ड फ्लू वायरस किसी सतह के जरिए भी इंसानों को संक्रमित कर सकता है।

बर्ड फ्लू से कैसे बचा जा सकता है?
एम्स, नई दिल्ली से डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय कुमार चुघ कहते हैं कि इसका कारगर उपाय है कि आप पक्षियों से सीधे संपर्क में न आएं। उनकी बीट को न छुएं। जहां पक्षी रहते हैं, वहां बिल्कुल न जाएं। जो लोग अंडा या मुर्गी-मुर्गा खाते हैं, वे इसे खरीदने जाएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। खरीददारी के वक्त और मीट काटने के दौरान ग्लव्ज पहनें। इसके तुरंत बाद हाथ सैनिटाइज करें या साबुन से हाथ धोएं। नॉनवेज अच्छे से पकाकर ही खाएं, इससे रिस्क खत्म हो जाता है।

बर्ड फ्लू से इंसान कैसे संक्रमित हो सकता है?

  • संक्रमित पक्षी के मल, नाक, मुंह या आंखों से निकलने वाले पदार्थ के संपर्क में आने पर इंसान संक्रमित हो सकता है।
  • यह वायरस इंसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश कर सकता है।
  • कच्चे और दूषित पोल्ट्री प्रोडक्ट खाने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं।
  • ज्यादातर मामलों में देखा गया कि इंसानों में इन्फ्लूएंजा A (H5N1) और A (H7N9) वायरस जिंदा या मृत संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से पहुंचा।

बर्ड फ्लू के लक्षण कौन से हैं?
डॉ. संजय कहते हैं कि बर्ड फ्लू के सारे लक्षण वायरल वाले ही हैं। इसमें भी जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। इनके अलावा सांस फूलने की शिकायत, नाक से खून, आंख लाल होना, डायरिया, पेट में दर्द भी हो सकता है। फेफड़े डैमेज हो जाने से सांस फूलती है।

वे लोग जो पक्षियों के संपर्क में आते हैं, उन्हें सारे बचाव के तरीके कोरोना वाले ही अपनाने चाहिए। इसके सिंप्टम्स दिखने के बाद तुरंत हास्पिटल में एडमिट हो जाएं या आइसोलेशन में जाएं और ज्यादा बीमार मरीजों को इंटेंसिव केयर की जरूरत होती है।

बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है?

डॉक्टर संजय कहते हैं कि यह बहुत खतरनाक बीमारी है। इसमें संक्रमितों की मृत्युदर 60 फीसदी तक है, यानी हर 10 में से 5-6 लोगों की जान जाती है। हालांकि, ये इंसान से इंसान में ट्रांसमिट नहीं होता है, लेकिन वायरस म्यूटेट करते हैं। जैसे कोरोना के मामले में हुआ है। इससे वायरस के और ज्यादा कंटेजियस (संक्रामक) होने का खतरा रहता है।

बर्ड फ्लू के 11 वायरस हैं, इनमें से 5 इंसानों के लिए जानलेवा हैं

  • बर्ड फ्लू के 11 वायरस हैं जो इंसानों को संक्रमित करते हैं, लेकिन इनमें से 5 इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। ये हैं- H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2।
  • इन वायरसों को HPAI (Highly Pathogenic Avian Influenza) कहा जाता है। इनमें सबसे खतरनाक H5N1 वायरस है। यही पहला बर्ड फ्लू वायरस था, जिसने इंसानों को भी संक्रमित किया।
  • दुनिया भर में जंगली पक्षियों की आंतों में ये फ्लू वायरस होते हैं, लेकिन आमतौर पर ये पक्षी उनसे बीमार नहीं होते हैं। हालांकि, बर्ड फ्लू मुर्गियों और बत्तखों समेत कुछ पालतू पक्षियों को बीमार बना सकता है, जिससे उनकी जान भी जा सकती है।

क्या अंडा और चिकन खाने से बर्ड फ्लू का खतरा है?

  • बर्ड फ्लू और अंडे/चिकन खाने के बीच कोई संबंध नहीं है। हालांकि, डॉक्टर लोगों को अधपके पोल्ट्री प्रोडक्ट और मांस नहीं खाने का सुझाव देते हैं।
  • WHO के मुताबिक अभी तक ये सबूत नहीं मिले हैं कि पके हुए पोल्ट्री फूड से किसी इंसान को बर्ड फ्लू हो सकता है। ये वायरस तापमान के प्रति संवेदनशील है और अधिक कुकिंग टेंपरेचर में नष्ट हो जाता है।
  • केंद्र सरकार ने भी कहा है कि पोल्ट्री उत्पाद खाने से इंसान में बर्ड फ्लू वायरस के फैलने को कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि, साफ-सफाई और खाना बनाने के दौरान सावधानी जरूरी है।

क्या इंसानों में भी बर्ड फ्लू का खतरा है?

  • H5N1 पहला बर्ड फ्लू वायरस है, जिसने पहली बार किसी इंसान को संक्रमित किया था। इसका पहला मामला साल 1997 में हॉन्गकॉन्ग में आया था।
  • H5N1 आमतौर पर पानी में रहने वाले पक्षियों में होता है, लेकिन ये पोल्ट्री फार्म में पलने वाले पक्षियों में भी आसानी से फैल सकता है।
  • WHO के मुताबिक बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिट हो सकता है, ऐसा संभव है, लेकिन दुर्लभ है।

बर्ड फ्लू का इलाज क्या है?
डॉ. संजय कहते हैं कि स्वाइन फ्लू (H1N1) में ओसेल टामीविर (टॉमीफ्लू) नाम की दवा इस्तेमाल होती। यही दवा बर्ड फ्लू के इलाज में भी इस्तेमाल हो रही है, लेकिन इस दवा से आप पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे, यह निश्चित नहीं है। एक और दवा भी है, इसका नाम जानामि-वीर (रेलेंजा) है। ये दवाएं बीमारी के खतरे को कुछ हद तक कम कर देती हैं।

बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है?

  • बर्ड फ्लू अब तक दुनिया में चार बार बड़े पैमाने पर फैल चुका है। यह 60 से ज्यादा देशों में महामारी का रूप भी ले चुका है।
  • 2003 से अब तक लगातार यह किसी न किसी देश में अपना असर दिखाता रहा है। H5N1 बर्ड फ्लू वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इससे संक्रमित होने वालों में से आधे से ज्यादा की मौत हो जाती है।
  • 2003 से अब तक H5N1 वायरस से कुल 861 लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 455 की मौत हुई है, यानी मृत्युदर 52.8 फीसदी है। यह कोरोनावायरस से होने वाली मृत्युदर से करीब 50 गुना ज्यादा है। दुनिया में कोरोना से होने वाली मृत्युदर 3% और भारत में 1.5% है।
  • अमेरिकी हेल्थ एजेंसी FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने कुछ साल पहले इसके लिए एक वैक्सीन डिजाइन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी वह लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus Vs Bird Flu Avian Influenza; What Is More Dangerous? Symptoms, Prevention & More | Over 5 Lakh Birds Died In 12 Days


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39imzcT

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...