Skip to main content

नए साल में सितंबर में सबसे ज्यादा 13 और जनवरी में सबसे कम 6 शुभ मुहूर्त

नए साल में 100 से ज्यादा शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें खरीदारी, लेन-देन और नए कामों की शुरुआत की जा सकती है। इन मुहूर्त में सर्वार्थसिद्धि अमृतसिद्धि, त्रिपुष्कर, द्विपुष्कर, रवि और गुरुपुष्य जैसे बड़े शुभ योग शामिल हैं। साल 2021 में सबसे ज्यादा 13 शुभ मुहूर्त सितंबर में रहेंगे और सबसे कम यानी 6 मुहूर्त जनवरी में आ रहे हैं।

इनके अलावा अगस्त में 12, जून में 11, मई और जुलाई में 9-9, फरवरी, मार्च, अप्रैल और दिसंबर में 8-8 शुभ मुहूर्त रहेंगे। वहीं, अक्टूबर और नवंबर में 7-7 दिन ये शुभ योग रहेंगे। इस तरह पूरे साल में 106 दिन ये शुभ संयोग बन रहे हैं।

सर्वार्थसिद्धि योग: तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर ये विशेष संयोग बनता है। ज्योतिष ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि के मुताबिक, इस शुभ योग में किया गया हर काम सफल होता है। इस संयोग में किए गए काम फायदा देने वाल भी होते हैं। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक, इस शुभ योग में किसी भी तरह का कॉन्ट्रैक्ट करना शुभ होता है। साथ ही प्रॉपर्टी और ज्वेलरी की खरीदी-बिक्री इस शुभ योग में करना चाहिए। जॉब या बिजनेस के खास काम भी इस मुहूर्त में शुरू करने चाहिए।

अमृतसिद्धि योग: नाम के मुताबिक इस शुभ योग में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले होते हैं। इस शुभ योग में मांगलिक काम किए जा सकते हैं। तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग से मिलकर बनने वाले इस मुहूर्त में किए गए दान और पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है। इस शुभ मुहूर्त में बिजनेस संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, जमीन, व्हीकल, कीमती धातुओं की खरीदारी और विदेश यात्रा करनी चाहिए।

द्विपुष्कर योग: द्विपुष्कर योग वार, तिथि और नक्षत्र से मिलकर बनने वाला ऐसा योग है, जिसमें एक बार किया गया काम फिर होता है। यानी ऐसे हालात बनते हैं कि वैसा काम फिर से करना पड़ता है। इसलिए इस मुहूर्त में एक बार किया गया कोई भी शुभ काम, निवेश, बचत, खरीदारी और फायदे वाला लेन-देन फिर से होने का संयोग बनता है। बस ये सावधानी रखनी चाहिए कि इस योग के दौरान कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।

त्रिपुष्कर योग: द्विपुष्कर की तरह ही ये योग होता है। ये शुभ मुहूर्त तीन गुना फल देने वाला होता है। इसलिए इसे त्रिपुष्कर योग कहा जाता है। क्योंकि, इस योग के दौरान किए गए काम को दो बार और दोहराना पड़ता है। इस तरह, उस काम का तीन गुना फल मिलता है। इस योग में भी सावधानी रखनी चाहिए कि कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।

गुरु पुष्य योग: गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से इस योग को ज्योतिष ग्रंथों में गुरु पुष्य कहा गया है। इस शुभ मुहूर्त को गृह प्रवेश, खरीदारी, लेन-देन, ग्रह शांति और शिक्षा संबंधी मामलों के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इस शुभ संयोग में शुरू किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले होते हैं।

रवि पुष्य योग: रविवार को पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा होने से रविपुष्य योग बनता है। ज्योतिष के मुहूर्त ग्रंथों के मुताबिक, इस शुभ मुहूर्त में हर तरह के काम किए जा सकते हैं। इस योग को गुरु पुष्य योग जितना ही महत्व दिया गया है। रवि पुष्य योग में औषधियों की खरीदारी या दान करना शुभ होता है। माना जाता है ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बढ़ती है।

2021 के शुभ मुहूर्त

जनवरी:

फरवरी:

मार्च:

अप्रैल:

मई:

जून:

जुलाई:

अगस्त:

सितंबर:

अक्टूबर:

नवंबर:

दिसंबर:



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
New Year Shopping Shubh Muhurat 2021 | Auspicious Days For Purchase Car Bike Property House Gold Jewellery Ornaments Electronic Tech Gadgets and More


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38DLNSO

Comments