Skip to main content

लॉकडाउन के बाद से 5 लाख से ज्यादा नई नौकरियां मिलीं, 18 उद्योगों में भर्ती बढ़ी, अक्टूबर में 4.24% अधिक जॉब्स

दुनियाभर में कोरोना ने लोगों की नौकरियों और सैलरी को प्रभावित किया। लेकिन, अब देश में नौकरियां वापस मिलने लगी हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मई से अक्टूबर के बीच 5 लाख 26 हजार 389 लोगों को अलग-अलग सेक्टर में नौकरियां मिलीं।

अच्छी बात यह है कि यदि सालाना आधार पर देखा जाए तो भी पिछले साल की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर महीने में 4.24% अधिक लोगों को नई नौकरियां मिली हैं। यही नहीं, इस दौरान 4.90 लाख लोगों को दोबारा नौकरी मिली है। यानी ये वे लोग हैं, जिनकी नौकरी अलग-अलग वजहों से चली गई थी।

यह पिछले साल से बेहतर

सालाना आधार पर पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में यह आंकड़ा करीब 23% अधिक है। इसमें अगर ईएसआईसी वाले कर्मचारी जोड़ दिए जाएं, तो यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा। 3500 से ज्यादा कंपनियों के लिए एचआर सॉल्यूशन देने वाली कंपनी टीम लीस के हेड (स्टाफिंग बीएफएसआई एंड कंज्यूमर बिजनेस) अमित वडेरा कहते हैं- आने वाले 5 से 6 माह इसी ट्रेंड पर रहेंगे। यानी नौकरियां बढ़ेंगी।

उन्होंने आगे कहा- सितंबर और अक्टूबर में ही विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में नियुक्तियां बढ़नी शुरू हो गई थीं। लॉजिस्टिक और ई-कॉमर्स भर्तियां कर रहा था। अब बैंकिंग और फाइनेंस सर्विसेज में भी भर्ती की रफ्तार बढ़ी है। कोरोना के बारे में जैसे-जैसे लोगों की जानकारी बढ़ रही है और वैक्सीन आने की संभावना बढ़ रही है, वैसे-वैसे कंपनियों ने अपने पुराने कर्मचारियों से संपर्क करना शुरू किया है।

पुराने एम्पलाईज को मौका

अमित कहते हैं- मार्केट रिकवर हो रहा है। ऐसे में अधिकांश ऑर्गनाइजेशन अपने ही पुराने एम्पलाई की भर्ती को प्राथमिकता दे रही हैं। क्योंकि ऐसे एम्पलाई को ट्रेंड करने की जरूरत नहीं पड़ती। दूसरी तरफ प्रोफेशनल्स को जोड़ने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के एक ताजा सर्वे के मुताबिक, देश के 40% प्रोफेशनल्स को उम्मीद है कि 2021 में नई नौकरियां बढेंगी।
ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज फर्म एऑन के सैलरी ट्रेंड सर्वे के मुताबिक, 87% भारतीय कंपनियां वर्ष 2021 में अपने कर्मचारियों को इंक्रीमेंट देने की तैयारी में हैं। कॅरिअरनेट टेक्नोलॉजीस के एक हालिया सर्वे के मुताबिक 50% से ज्यादा कंपनियों को उम्मीद है कि जनवरी 2021 के बाद से हायरिंग की प्रक्रिया सामान्य होगी और नौकरियां बढ़ेंगी।

देश को राहत देने वाली दो रिपोर्ट

  • नौकरी डॉट कॉम ने हाल ही में ‘हायरिंग एक्टिविटी इन इंडिया’ रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार 19 प्रमुख उद्योगों में से 18 उद्योगों में अप्रैल की तुलना में नवंबर में अधिक भर्तियां हुई हैं।
  • प्राइवेट रिसर्च फर्म सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार कोरोना के कारण अप्रैल में बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी पहुंच गई थी। जो अक्टूबर में घटकर 6.98 फीसदी तक हो गई थी। यह प्री-कोविड लेवल के करीब है।

कुछ राज्यों की सुखद स्थिति

1) यूपी: कोरोना के दौर में सबसे ज्यादा नौकरियां दीं
यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल बताते हैं- बैंक के डेटा के अनुसार 6 लाख 80 हजार नई एमएसएमई को लोन दिए गए हैं, जिनसे करीब 24 लाख रोजगार आए हैं। साथ ही 80 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गई हैं। कोरोनाकाल में नौकरी देने के मामले में यूपी सरकार सबसे आगे है।
2) राजस्थान: 25 हजार से ज्यादा नियुक्तियां दी गईं
राजस्थान में कोरोना काल में मार्च से दिसंबर तक की अवधि में 25,386 पदों पर सरकार ने अपॉइंटमेंट्स किए। सबसे ज्यादा 11,322 पदों पर एलडीसी भर्ती हुई है। वहींं इस दौरान सरकार ने 6,657 पदों पर नई भर्तियां भी निकाली हैं।
3) हरियाणा: 9400 से ज्यादा पदों पर भर्ती
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से अप्रैल से लेकर दिसंबर तक 9400 से ज्यादा पदों पर पूर्व से चल रही भर्ती पूरी की गई है। इनमें ग्रुप-सी और डी कैटेगरी के 9106 पदों पर एचपीएससी और ग्रुप-बी और ए कैटेगरी के अफसरों की 300 से ज्यादा पदों पर भर्ती की है।
4) बिहार: अगले साल एक लाख से ज्यादा नियुक्तियां
कोरोनाकाल में 5 हजार नर्स, 1000 डॉक्टर नियुक्त हुए। हालांकि, ये पहले से जारी प्रक्रिया थी। 8000 सिपाहियों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। 2021 में 91,763 प्रायमरी शिक्षक, 33 हजार माध्यमिक शिक्षक सहित 1 लाख नियुक्तियां होंगी।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
40% प्रोफेशनल्स को उम्मीद है कि 2021 में नई नौकरियां बढेंगी। (प्रतीकात्मक)


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/more-than-5-lakh-new-jobs-18-industries-increased-recruitment-since-lockdown-424-more-jobs-in-october-128060819.html

Comments

Popular posts from this blog

आज वर्ल्ड हार्ट डे; 1954 में सर्न बना जिसने खोजा गॉड पार्टिकल, भारत भी रहा था इस सबसे बड़ी खोज का हिस्सा

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक कर सके। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। ऐसे में वर्ल्ड हार्ट डे को मान्यता मिली और हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस कैम्पेन के जरिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन सभी देशों और पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से लड़ने के लिए जागरुकता फैलाने का काम करता है। दुनियाभर में दिल के रोग नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज में सबसे ज्यादा घातक साबित हुए हैं। हर साल करीब दो करोड़ लोगों की मौत दिल के रोगों की वजह से हो रही है। इसे अब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, जिससे अपनी लाइफस्टाइल को सुधारक...

60 पार्टियों के 1066 कैंडिडेट; 2015 में इनमें से 54 सीटें महागठबंधन की थीं, 4 अलग-अलग समय वोटिंग

बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की 6 बड़ी बातें सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर। सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा। वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96...

दुनिया के 70% बाघ भारत में रहते हैं; बिहार, केरल और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बढ़ रही है इनकी आबादी

आज ग्लोबल टाइगर डे है। इस वक्त पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं। मंगलवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। उन्होंने बताया कि 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये सभी टाइगर रिजर्व या तो अच्छे हैं या फिर बेस्ट हैं। बाघों की घटती आबदी पर 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक टाइगर पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे। 2010 में तय किए लक्ष्य की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। आठ साल में ही यहां बाघों की आबादी 74% बढ़ी। जिस तेजी से देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा। भारत में बाघों की आबादी ...